ग्रेटर नोएडा में 239 शराब दुकानों के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया जारी है, जिसमें अब तक एक हजार से अधिक आवेदकों ने पंजीकरण कराया है। इन लाइसेंसों की वैधता 1 मार्च से समाप्त हो रही है, और नए आवेदनों की प्रक्रिया 17 से 27 फरवरी तक चलेगी, जिसमें भुगतान और अन्य कार्यवाहियाँ शामिल हैं।
ई-लॉटरी के माध्यम से आवंटन
चयनित आवेदकों को 6 मार्च को ई-लॉटरी (E-Lottery System) के जरिए दुकानें आवंटित की जाएंगी। यह प्रक्रिया नए लाइसेंसों के लिए छह वर्षों के बाद पहली बार आयोजित की जा रही है, जिससे नई शराब नीति के अनुसार व्यापार को संगठित किया जा सके।
जिला आबकारी अधिकारी की भूमिका
जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नई शराब नीति के तहत मिश्रित शराब दुकानों (Mixed Liquor Stores) के लिए 239 नए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस पहल से राज्य में खुदरा शराब कारोबार को पुनर्जीवित किया जा रहा है।
नई शराब नीति का प्रभाव
नई शराब नीति के अंतर्गत, वर्तमान में संचालित विभिन्न प्रकार की शराब दुकानों को सम्मिलित किया जा रहा है, जिसमें बीयर और आइएमएफएल दुकानें शामिल हैं। इससे दुकानों की संख्या में कमी आएगी, लेकिन व्यापार की कुशलता में बढ़ोतरी होगी। संशोधित नीति में शराब दुकानों की कुल संख्या को 535 से घटाकर 500 कर दिया गया है, जिससे उपभोक्ता सेवा में सुधार होगा।
FAQs
- ग्रेटर नोएडा में कितनी शराब दुकानों के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया चल रही है?
- ग्रेटर नोएडा में 239 शराब दुकानों के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया चल रही है।
- नए लाइसेंसों का आवंटन कब होगा?
- नए लाइसेंसों का आवंटन 6 मार्च को ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा।
- नई शराब नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- नई शराब नीति का मुख्य उद्देश्य खुदरा शराब कारोबार को संगठित करना और व्यापार की कुशलता बढ़ाना है।