डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश की इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी-2025 को स्वीकृति दी गई है। इस पॉलिसी के तहत दो पहिया, तीन पहिया, इलेक्ट्रिक कार और बसों के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।
प्रमुख प्रोत्साहन
- रजिस्ट्रेशन छूट: ईवी दोपहिया वाहन के रजिस्ट्रेशन पर 40%, कमर्शियल वाहनों पर 100%, तिपहिया वाहन पर 80%, चार पहिया वाहन पर 15% और इलेक्ट्रिक बसों पर 40% की छूट दी जाएगी।
मॉडल इलेक्ट्रिक शहर
पॉलिसी का उद्देश्य भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन को मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल शहर बनाना है। इन शहरों में एक किलोमीटर की परिधि में चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। यहां पर्यटक गांव, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थानों के साथ-साथ ई-मोबिलिटी जोन बनाए जाएंगे।
चार्जिंग स्टेशन का नेटवर्क
राजमार्गों पर हर 20 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था की जाएगी। लंबी दूरी और हैवी ड्यूटी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हर 100 किलोमीटर पर एक फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, महिला और दिव्यांग द्वारा चार्जिंग स्टेशन लगाने पर वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।
अन्य सुविधाएं
- सभी पंजीकृत ईवी को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ग्रीन नंबर प्लेट जारी की जाएगी।
- व्यक्तिगत उपयोग वाले ईवी को सफेद अक्षरों वाली हरी नंबर प्लेट मिलेगी, जबकि कमर्शियल उपयोग वाले ईवी को पीले अक्षरों वाली हरी नंबर प्लेट दी जाएगी।
- पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी-2025 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण प्रदूषण को कम करना और गैर-ईंधन वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना है। - मॉडल इलेक्ट्रिक शहर कौन से हैं?
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन को मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल शहर बनाया जाएगा। - चार्जिंग स्टेशनों की व्यवस्था कैसे होगी?
हर 20 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया जाएगा, और राजमार्गों पर हर 100 किलोमीटर पर फास्ट चार्जिंग स्टेशन होंगे।