भारतीय शेयर बाजार में कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच गिरावट
24 फरवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण खुलते ही तेजी से गिर गया। सेंसेक्स लगभग 740 अंक तक टूट गया, जबकि निफ्टी 22,600 के नीचे चला गया। गिरावट इतनी तेज थी कि महज 5 मिनट में बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये डूब गया। ब्रॉडर मार्केट में भी हाहाकार की स्थिति रही। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1.46 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 1.8 फीसदी टूटकर कारोबार कर रहा था। यहां तक कि सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
बाजार का प्रदर्शन
- सेंसेक्स: 581.39 अंक या 0.77 फीसदी की गिरावट के साथ 74,729.67 पर बंद हुआ।
- निफ्टी: 172.75 अंक या 0.76 फीसदी लुढ़ककर 22,623.15 के स्तर पर बंद हुआ।
- मार्केट कैपिटलाइजेशन: बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन शुक्रवार 21 फरवरी को 402.20 लाख करोड़ रुपये से घटकर 398.80 लाख करोड़ रुपये पर आ गया।
सेक्टोरल इंडेक्स
सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जिसमें बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1.46 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 1.8 फीसदी टूट गया।
टॉप लूजर्स और गेनर्स
निफ्टी पर ओएनजीसी, ट्रेंट, एनटीपीसी, हिंडाल्को, और श्रीराम फाइनेंस प्रमुख नुकसान में रहे, जबकि डॉ रेड्डीज लैब्स और टाटा कंज्यूमर लाभ में रहे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- 24 फरवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में तेज गिरावट का क्या कारण था?
- गिरावट का मुख्य कारण कमजोर वैश्विक बाजार संकेत थे, जिन्होंने निवेशकों की भावना को प्रभावित किया और विभिन्न क्षेत्रों में बिकवाली को बढ़ावा दिया।
- इस दौरान बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में क्या बदलाव आया?
- बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग ₹3.40 लाख करोड़ रुपये घट गया, जो निवेशकों की संपत्ति में बड़ी गिरावट को दर्शाता है।
- कौन से सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित हुए?
- सभी सेक्टोरल इंडेक्स प्रभावित हुए, जो विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक गिरावट को दर्शाता है। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स विशेष रूप से प्रभावित हुए, जो क्रमशः 1.46 फीसदी और 1.8 फीसदी टूट गए।