कोलकाता में 5.1 तीव्रता का भूकंप, जानें पूरा अपडेट

कोलकाता भूकंप: बंगाल की खाड़ी में 5.1 तीव्रता के झटके, 91 किलोमीटर की गहराई पर था केंद्र

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजधानी कोलकाता में मंगलवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई। झटकों से लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल आए।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप सुबह 6:10 बजे आया था। इसका केंद्र बंगाल की खाड़ी (earthquake in bay of Bengal) में 91 किलोमीटर की गहराई पर था।

भूकंप से नुकसान की संभावना कम

अभी तक भूकंप से हुए किसी नुकसान की खबर नहीं है। कोलकाता से काफी दूर होने और जमीन से 91 किलोमीटर नीचे स्थित होने के कारण, बड़े नुकसान की संभावना कम है।

भूकंप के झटके कोलकाता के अलावा पश्चिम बंगाल के अन्य शहरों में भी महसूस किए गए।

कोलकाता का भूकंपीय इतिहास

कोलकाता को सिस्मिक जोन-3 में रखा गया है। इसका अर्थ है कि शहर को भूकंप का मध्यम जोखिम है। यह पूर्वोत्तर भारत, हिमालय या गुजरात जैसे क्षेत्रों की तुलना में कम संवेदनशील है।

इस साल 8 जनवरी को भी कोलकाता में भूकंप के हल्के झटके महसूस हुए थे। यह तिब्बत और नेपाल में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण था। उत्तर बंगाल में भी झटके महसूस किए गए थे, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ।

देश के अन्य हिस्सों में हालिया भूकंप

23 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था। NCS के अनुसार, यह 10 किलोमीटर की गहराई पर था।

17 फरवरी की सुबह दिल्ली में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका केंद्र दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के धौला कुआं में था।

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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में रविवार सुबह 3.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका केंद्र मंडी क्षेत्र में 31.48 डिग्री अक्षांश और 76.95 डिग्री देशांतर पर था।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?

भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर मापी जाती है। यह भूकंप द्वारा निकली ऊर्जा का लॉगरिथ्मिक माप है। हर एक अंक की वृद्धि के साथ, भूकंप की ऊर्जा लगभग 30 गुना बढ़ जाती है।

सिस्मिक जोन क्या होते हैं?

भारत को भूकंप के जोखिम के आधार पर पांच सिस्मिक जोन (II, III, IV और V) में बांटा गया है। जोन V सबसे अधिक जोखिम वाला क्षेत्र है, जबकि जोन II में सबसे कम जोखिम है। कोलकाता जोन III में आता है, जिसमें मध्यम जोखिम है।

भूकंप के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

भूकंप के दौरान, मेज या मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपें। खुले क्षेत्रों में जाएं और इमारतों, पेड़ों और बिजली के तारों से दूर रहें। लिफ्ट का उपयोग न करें। भूकंप के बाद गैस लीक और बिजली की समस्याओं की जांच करें।

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