हरियाणा जमीन रजिस्ट्री: प्रॉपर्टी आईडी सिस्टम से आसान रजिस्ट्रेशन
हरियाणा सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक नई व्यवस्था शुरू की है। अब प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया संचालित होगी, जिससे प्रॉपर्टी संबंधी लेन-देन में आसानी होगी।
नई प्रणाली के फायदे
- समय की बचत: अब व्यक्तियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इससे समय की बचत होगी और प्रक्रिया में आसानी आएगी।
- पारदर्शिता: नई प्रणाली के तहत, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा ‘अन्य’ श्रेणी को समाप्त कर दिया गया है, जिससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार और पारदर्शिता आई है।
- डिजिटल मैपिंग: राज्य में चल रहा एक बड़ा मैपिंग प्रोजेक्ट शहरी क्षेत्रों की मैपिंग कर रहा है, जिसे रेवेन्यू रिकॉर्ड्स से जोड़ा जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर नामांतरण की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे रजिस्ट्री की प्रक्रिया में और भी सुधार आएगा।
नई प्रणाली कैसे काम करती है?
- प्रॉपर्टी आईडी: सभी रजिस्ट्रेशन प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर होंगे, जिससे प्रक्रिया सरल होगी और कागजी कार्रवाई कम होगी।
- डिजिटल रिकॉर्ड: हर प्रॉपर्टी का डिजिटल रिकॉर्ड होगा, जिससे मालिकाना हक और अन्य जानकारी ऑनलाइन आसानी से मिलेगी।
- बिना बिचौलियों के: यह सिस्टम सीधा और पारदर्शी है, जिससे बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी।
निवासियों को कैसे मिलेगी राहत?
इस बदलाव से हरियाणा के निवासियों को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि अब उन्हें प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर ही रजिस्ट्री करानी होगी। इससे दस्तावेजों की प्रक्रिया में लगने वाले समय की बचत होगी और रजिस्ट्री में आसानी आएगी।
सामान्य प्रश्न
- प्रॉपर्टी आईडी सिस्टम क्या है?
प्रॉपर्टी आईडी सिस्टम हरियाणा में जमीन रजिस्ट्री की एक नई विधि है, जिसमें सभी प्रॉपर्टी को एक अद्वितीय आईडी दी जाती है ताकि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सरल हो। - कौन से जिले पहले चरण में लाभान्वित होंगे?
पहले चरण में सोनीपत और करनाल जिले लाभान्वित होंगे। - यह सिस्टम धोखाधड़ी को कैसे रोकता है?
यह सिस्टम प्रॉपर्टी रिकॉर्ड्स को रेवेन्यू रिकॉर्ड्स से डिजिटल रूप से जोड़कर अनधिकृत लेन-देन को रोकता है।