CTET अनिवार्यता पर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: शिक्षकों के लिए नई चुनौती
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसके अनुसार अब केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) पास किए बिना कोई भी शिक्षक सरकारी या निजी स्कूलों में पढ़ा नहीं सकेगा। यह आदेश न केवल नए भर्ती होने वाले शिक्षकों पर लागू होगा, बल्कि पहले से नियुक्त शिक्षकों को भी परीक्षा पास करनी होगी। इस फैसले से लगभग 5 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे और उन्हें अपनी नौकरी जारी रखने के लिए CTET पास करना अनिवार्य होगा।
फैसले के मुख्य बिंदु
- CTET की अनिवार्यता: सभी शिक्षकों को CTET पास करना होगा, चाहे वे पहले से नियुक्त हों या नए भर्ती हो रहे हों।
- प्रभावित शिक्षक: लगभग 5 लाख शिक्षक इस फैसले से प्रभावित होंगे।
- नई भर्तियों पर प्रभाव: नई नियुक्तियों में भी CTET पास करना अनिवार्य होगा।
- शिक्षा की गुणवत्ता: इस फैसले से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, क्योंकि केवल योग्य शिक्षक ही स्कूलों में पढ़ाएंगे।
क्या है CTET?
- CTET एक पात्रता परीक्षा है जो केंद्र सरकार द्वारा आयोजित की जाती है।
- उद्देश्य: यह परीक्षा सुनिश्चित करती है कि स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक योग्य और सक्षम हों।
- लागू होने का समय: यह परीक्षा 2010 में शुरू की गई थी, लेकिन 2015 में इसे और कड़ा बनाया गया।
FAQs
- क्या CTET पास करने के लिए कोई समय सीमा है?
हां, पहले से नियुक्त शिक्षकों को भी जल्द से जल्द CTET पास करना होगा, अन्यथा उनकी नौकरी जारी नहीं रहेगी। - क्या CTET केवल सरकारी स्कूलों पर लागू होता है?
नहीं, यह नियम सरकारी और निजी दोनों स्कूलों पर लागू होता है। - क्या CTET पास न करने पर शिक्षकों को दोबारा प्रयास का मौका मिलेगा?
हां, शिक्षकों को परीक्षा में असफल होने पर दोबारा प्रयास करने का मौका मिलेगा, लेकिन बिना पास किए वे अपनी नौकरी जारी नहीं रख पाएंगे।
Answer from Perp