भारत का यह गांव बना ‘यूट्यूब कैपिटल’, हो रही कमाई की बारिश!

छत्तीसगढ़ का तुलसी गांव आजकल “यूट्यूबर्स का गांव” के नाम से जाना जाता है। यहां के लोग YouTube पर वीडियो बनाकर पैसे कमा रहे हैं, जिससे गांव की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है। इस गांव में लगभग 4000 लोग रहते हैं, जिनमें से 1000 से ज्यादा लोग YouTube से जुड़े हुए हैं।

कैसे हुई शुरुआत?

तुलसी गांव में YouTube क्रांति की शुरुआत 2018 में हुई। “बीइंग छत्तीसगढ़िया” नामक YouTube चैनल को जय वर्मा और ज्ञानेंद्र शुक्ला ने मिलकर लॉन्च किया था। उनके चैनल ने पहले कुछ महीनों में ही हजारों सब्सक्राइबर जुटा लिए और अब उनके पास 125,000 से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं।

YouTube से बदलती गांव की तस्वीर

गांव के लोग विभिन्न प्रकार के वीडियो बनाते हैं, जिसमें स्थानीय कार्यक्रम और सामाजिक मुद्दे शामिल होते हैं। इस वजह से गांव की पहचान अब “यूट्यूब गांव” के रूप में बन चुकी है। 2023 में, यहां एक अत्याधुनिक स्टूडियो का निर्माण किया गया है, जिससे यूट्यूब क्रिएटर्स को उच्च गुणवत्ता के वीडियो बनाने की सुविधा मिली है।

YouTube से हो रही बंपर कमाई

तुलसी गांव के लोग YouTube के जरिए इतनी अच्छी कमाई कर रहे हैं कि उन्होंने अपनी जीवनशैली में बड़ा बदलाव देखा है। इससे न केवल व्यक्तिगत जीवन स्तर बेहतर हुआ है बल्कि गांव का भी तेजी से विकास हो रहा है।

निष्कर्ष

तुलसी गांव ने YouTube के माध्यम से एक नई दिशा पकड़ी है। यहां के लोग अब केवल पैसा ही नहीं कमा रहे, बल्कि पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ के इस गांव का नाम रोशन कर रहे हैं। YouTube ने इस गांव को डिजिटल और आर्थिक रूप से समृद्ध बना दिया है।

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FAQs:

  1. तुलसी गांव कहां स्थित है?
    तुलसी गांव छत्तीसगढ़ में रायपुर के पास स्थित है।
  2. तुलसी गांव में YouTube क्रांति कब शुरू हुई?
    तुलसी गांव में YouTube क्रांति 2018 में शुरू हुई।
  3. “बीइंग छत्तीसगढ़िया” चैनल किसने शुरू किया?
    “बीइंग छत्तीसगढ़िया” चैनल जय वर्मा और ज्ञानेंद्र शुक्ला ने शुरू किया।

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