CTET पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय: क्या आप भी प्रभावित होंगे?

केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

30 जनवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा की मान्यता पर फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति जी.के. माहेश्वरी और राजेश बिंदल की खंडपीठ ने महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का सर्टिफिकेट कहाँ मान्य होगा और कहाँ नहीं।

केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा की नवीनतम जानकारी

सर्वोच्च न्यायालय ने झारखंड मामले पर फैसला दिया है। भर्ती प्रक्रिया के बीच में नियम नहीं बदले जा सकते। कोर्ट ने झारखंड महाधिवक्ता की रियायत को अमान्य ठहराया। जुलाई 2023 में दिया गया विवादित फैसला अनुचित था। यह “खेल के नियमों” में अचानक बदलाव के समान था।

सुप्रीम कोर्ट का ताजा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने एक बात साफ़ की है। केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के धारक विशेष परिस्थितियों में अपात्र होंगे। जिन्होंने उच्च न्यायालय के फैसले के बाद आवेदन किया, वे 2023 की भर्ती में पात्र नहीं हैं। नियमों में संशोधन के बाद आवेदन करने वाले भी अपात्र हैं।

झारखंड हाईकोर्ट ने पहले CTET पास अभ्यर्थियों को मान्य किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट का मत स्पष्ट है। नियमों में बदलाव नोटिफिकेशन के साथ ही होना चाहिए। बीच में नियम बदलना अनुचित है।

केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा केंद्रीय भर्तियों के लिए मान्य है। राज्य सरकारें इसे स्वीकार कर सकती हैं। लेकिन इसे नोटिफिकेशन में शुरुआत से ही बताना होगा। केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवारों को शामिल करने का निर्णय प्रारंभ में ही लेना होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. क्या केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा सभी राज्यों में मान्य है?

नहीं, यह मुख्य रूप से केंद्रीय भर्तियों के लिए है। राज्य सरकारें अपने विवेक से इसे मान्य कर सकती हैं। इसे भर्ती नोटिफिकेशन में स्पष्ट करना जरूरी है।

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2. सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश का क्या प्रभाव होगा?

भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियम नहीं बदले जा सकेंगे। नियमों में बदलाव केवल नोटिफिकेशन के समय ही संभव होगा।

3. क्या CTET पास उम्मीदवार राज्य भर्तियों में भाग ले सकते हैं?

हां, लेकिन शर्त है। संबंधित राज्य को नोटिफिकेशन में इसका स्पष्ट उल्लेख करना होगा। यह उल्लेख शुरुआत से ही होना चाहिए।

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