Delhi Earthquake: क्यों बना केंद्र, क्या बढ़ा खतरा? जानें विशेषज्ञों की राय

17 फरवरी को सुबह 5:38 बजे, दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में रिक्टर पैमाने पर 4 की तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र धौलाकुआं के पास जमीन के 5 किलोमीटर नीचे था, जिससे लोगों ने इसे महसूस किया। हालांकि, चिंता की बात यह थी कि दिल्ली भूकंप का केंद्र बन गई थी। धौलाकुआं को भूकंप का उपरिकेंद्र (epicenter) बताया गया।

दिल्ली क्यों बनी भूकंप का केंद्र?

दिल्ली के भूकंप का केंद्र बनने के कई कारण हैं:

भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र

दिल्ली एक भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है।

प्रमुख भूकंपीय रेखाएं

दिल्ली-हरियाणा थ्रस्ट (Delhi-Haryana Thrust) और हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट (Himalayan Frontal Thrust) जैसी कई प्रमुख भूकंपीय रेखाएं दिल्ली के आसपास मौजूद हैं। इन्हीं fault lines के कारण उत्तरी भारत में भूकंप आते हैं।

इन-सीटू मटेरियल हेट्रोजेनिटी

दिल्ली में अलग-अलग प्रकार की मिट्टी और चट्टानें हैं, जिसके कारण भूकंप तेज महसूस होता है।

भूकंप के दौरान दिल्ली में तेज आवाज भी सुनी गई, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह जरूरी नहीं कि भूकंप के कारण ही हो। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था, इसलिए भूकंप की आवाज धरती पर सुनाई देना मुश्किल है। यह आवाज किसी सामान के गिरने या लोगों के भ्रम के कारण हो सकती है।

क्या दिल्ली में आ सकता है बड़ा भूकंप?

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली के इलाके में स्थित fault से बहुत बड़ा भूकंप आने की संभावना कम है। हालांकि, रिक्टर पैमाने पर 4-5 का भूकंप भी दिल्ली में बड़ी तबाही मचा सकता है क्योंकि यहां का स्ट्रक्चर खराब है और बसावट सघन है। छोटे भूकंप इस बात का संकेत देते हैं कि धरती में कुछ गतिविधि हो रही है। यदि उत्तराखंड में बड़ा भूकंप आता है, तो दिल्ली में भी तेज झटके महसूस हो सकते हैं।

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दिल्ली को भूकंपीय क्षेत्र IV में रखा गया है, जिससे यहां मध्यम से गंभीर तीव्रता के भूकंप आ सकते हैं।

FAQ

दिल्ली में भूकंप आने का मुख्य कारण क्या है?

दिल्ली में भूकंप आने के कई कारण हैं, जिनमें भूगर्भीय सक्रियता, प्रमुख भूकंपीय रेखाएं और स्थानीय मिट्टी की विविधता शामिल हैं।

दिल्ली को किस भूकंपीय क्षेत्र में रखा गया है? इसका क्या मतलब है?

दिल्ली को भारत के भूकंपीय जोनिंग मानचित्र पर जोन IV में रखा गया है, जिसका मतलब है कि यहां मध्यम से उच्च भूकंपीय गतिविधि का खतरा होता है।

भूकंप के दौरान दिल्ली में सुनाई देने वाली तेज आवाज का क्या कारण है?

यह आवाज जरूरी नहीं कि भूकंप के कारण ही हो। यह किसी सामान के गिरने या लोगों के भ्रम का परिणाम हो सकती है।


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