सरकारी स्कूल Students के लिए बड़ी खुशखबरी! नई योजना लागू

साइकोमेट्रिक टेस्ट: सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए करियर मार्गदर्शन की नई पहल

10वीं बोर्ड परीक्षाएं पूरी होने के बाद, छात्र अक्सर इस बात को लेकर संशय में रहते हैं कि वे किस विषय में अपना करियर बनाएं। जबकि निजी स्कूलों में छात्रों को करियर काउंसलिंग मिलती है, सरकारी स्कूलों में ऐसी मार्गदर्शन की कमी होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में 10वीं कक्षा की छात्राओं के लिए साइकोमेट्रिक टेस्ट आयोजित करने की पहल शुरू की है।

पहल का उद्देश्य

  • लक्ष्य: इन टेस्टों का उद्देश्य छात्राओं की मानसिक क्षमताओं, रुचियों और व्यक्तित्व का मूल्यांकन करके उन्हें करियर मार्गदर्शन प्रदान करना है।
  • क्षेत्र: पूरे राज्य में 93,819 छात्राओं के लिए 31 मार्च तक ये टेस्ट आयोजित किए जाएंगे।
  • प्रक्रिया: टेस्ट में व्यक्तित्व मूल्यांकन, एप्टीट्यूड टेस्ट और रुचि टेस्ट शामिल होंगे, जो छात्राओं की ताकत और करियर आकांक्षाओं को समझने में मदद करेंगे।

साइकोमेट्रिक टेस्ट के लाभ

  1. व्यक्तित्व टेस्ट: छात्राओं के व्यक्तित्व की विशेषताओं का मूल्यांकन करेगा।
  2. एप्टीट्यूड टेस्ट: उनकी तर्कसंगत और अनुकूल सोच को परखेगा।
  3. रुचि टेस्ट: करियर से जुड़ी उनकी रुचियों को समझने में मदद करेगा।

कार्यान्वयन

प्रत्येक जिले में टेस्ट के संचालन के लिए एक विशेष समिति बनाई जाएगी, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी, वरिष्ठ प्रिंसिपल और गाइडेंस काउंसलर शामिल होंगे। टेस्ट के दौरान स्कूल प्रबंधन समिति (एस.एम.सी.) के सदस्य, करियर शिक्षक और चयनित एजेंसी के विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। प्रत्येक सत्र में अधिकतम 50 छात्राओं को शामिल किया जाएगा ताकि हर छात्रा को व्यक्तिगत मार्गदर्शन मिल सके।

करियर मार्गदर्शन

साइकोमेट्रिक टेस्ट पूरा होने के बाद, प्रत्येक स्कूल को छात्राओं की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होगी और इसे जिला शिक्षा अधिकारी एवं मुख्य शिक्षा विभाग को सौंपना होगा। इस रिपोर्ट के आधार पर छात्राओं को उनके व्यक्तित्व और क्षमताओं के अनुसार उचित करियर मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने भविष्य की दिशा तय कर सकेंगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. साइकोमेट्रिक टेस्ट का मुख्य उद्देश्य क्या है?
    • इन टेस्टों का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को उनकी मानसिक क्षमताओं, रुचियों और व्यक्तित्व के आधार पर करियर मार्गदर्शन प्रदान करना है, जिससे वे सही स्ट्रीम चुन सकें।
  2. इन टेस्टों का संचालन कैसे किया जाएगा और कौन शामिल होंगे?
    • टेस्ट का संचालन प्रत्येक जिले में एक विशेष समिति द्वारा किया जाएगा, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी, वरिष्ठ प्रिंसिपल और गाइडेंस काउंसलर शामिल होंगे। विशेषज्ञ एजेंसियों के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे ताकि टेस्ट का प्रभावी संचालन हो सके।
  3. छात्राओं को इन साइकोमेट्रिक टेस्टों से क्या लाभ होगा?
    • छात्राओं को इन टेस्टों से व्यक्तिगत करियर मार्गदर्शन मिलेगा, जो उनकी ताकत और रुचियों के अनुसार होगा। इससे वे अपने भविष्य के करियर पथ का सही निर्णय ले सकेंगी।

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