GBS Outbreak: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से हड़कंप, 9 की मौत, 207 मरीज

महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome) का खतरा बढ़ता जा रहा है। राज्य में इस बीमारी से संक्रमित होने वालों की संख्या 207 तक पहुंच गई है, और अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। 13 फरवरी को कोल्हापुर में एक 60 वर्षीय महिला की जान चली गई। मुंबई में भी GBS का पहला मामला सामने आया है.

पुणे में स्थिति गंभीर: पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां एक और 59 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है। इससे शहर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है.

संक्रमण का कारण: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने पुष्टि की है कि नांदेड़ और उसके आसपास के इलाकों में GB सिंड्रोम का प्रकोप प्रदूषित पानी के कारण फैला है। पानी के नमूनों में कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी (Campylobacter jejuni) नामक बैक्टीरिया पाया गया है.

लक्षण: गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) ही तंत्रिकाओं (nerves) पर हमला करती है। इसके लक्षणों में हाथों और पैरों में झुनझुनी, कमजोरी, चलने में कठिनाई, बोलने में दिक्कत, और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं.

अन्य राज्यों में भी मामले: महाराष्ट्र के अलावा, देश के अन्य राज्यों जैसे तेलंगाना, असम, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी GBS के मामले सामने आए हैं.

FAQ

1. गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) क्या है?
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है।

2. GBS के मुख्य लक्षण क्या हैं?
GBS के मुख्य लक्षणों में हाथों और पैरों में झुनझुनी, कमजोरी, चलने में कठिनाई और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं।

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3. GBS का कारण क्या है?
माना जाता है कि दूषित भोजन और पानी में पाया जाने वाला बैक्टीरिया कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी इस प्रकोप का कारण है। नांदेड़ में NIV ने पुष्टि की है कि GB सिंड्रोम का प्रकोप प्रदूषित पानी के कारण फैला है।


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