SEBI ने Mutual Fund नियम बदले! 1 अप्रैल से होगा बड़ा बदलाव

भारतीय बाजार नियामक SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने म्यूचुअल फंड नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो निवेशकों को अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा प्रदान करेंगे। ये नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को न्यू फंड ऑफर (NFO) के जरिए जुटाई गई पूंजी को एक निश्चित समय-सीमा के भीतर निवेश करने का निर्देश दिया गया है।

NFO फंड लगाने की नई समय सीमा

SEBI ने AMC को निर्देश दिया है कि वे NFO के तहत जुटाए गए धन को 30 दिनों के भीतर निवेश करें। पहले यह समय सीमा 60 दिन थी। यदि कोई AMC इस समय-सीमा में निवेश करने में विफल रहती है, तो निवेशक बिना किसी एग्जिट लोड के अपना पैसा वापस निकाल सकते हैं।

म्यूचुअल फंड स्कीम के लिए अनिवार्य तनाव परीक्षण

SEBI ने म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए तनाव परीक्षण (Stress Testing) अनिवार्य कर दिया है। यह नियम म्यूचुअल फंड स्कीमों की स्थिरता और जोखिम प्रबंधन को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

AMC कर्मचारियों की सैलरी का हिस्सा भी म्यूचुअल फंड में होगा निवेश

SEBI ने यह भी निर्देश दिया है कि AMC कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश किया जाएगा। हालांकि, निवेश की राशि और स्कीम का चुनाव कर्मचारियों की भूमिका और निवेशकों के साथ उनके हितों के संरेखण पर आधारित होगा।

नए नियमों से निवेशकों को क्या फायदा होगा?

  • बढ़ेगी पारदर्शिता: म्यूचुअल फंड कंपनियों को निवेशकों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया जाएगा।
  • कम होगा निष्क्रिय पूंजी का खतरा: NFO के तहत जुटाए गए फंड को जल्द निवेश करने से पूंजी निष्क्रिय नहीं पड़ेगी।
  • उचित आवंटन सुनिश्चित होगा: AMC को फंड के बेहतर प्रबंधन के लिए बाध्य किया जाएगा।
  • निवेशकों का पैसा तेजी से लगेगा: इससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ेगी।
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SEBI के ये बदलाव म्यूचुअल फंड निवेशकों को अधिक सुरक्षा और पारदर्शिता प्रदान करेंगे, जिससे इस क्षेत्र में निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।

FAQs

  1. नए नियम कब से लागू होंगे?
    • नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।
  2. NFO के तहत जुटाई गई राशि का निवेश कब करना होगा?
    • AMC को NFO के तहत जुटाई गई राशि को 30 दिनों के भीतर निवेश करना होगा।
  3. तनाव परीक्षण का क्या महत्व है?
    • तनाव परीक्षण से म्यूचुअल फंड योजनाओं की स्थिरता और जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित होगा, जिससे निवेशकों को बेहतर जानकारी मिलेगी।

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