आजकल, म्यूचुअल फंड में निवेश करना एक लोकप्रिय तरीका बन गया है, खासकर SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से। लेकिन कई निवेशकों को यह नहीं पता कि SIP से 1 करोड़ रुपये तक की कमाई के बाद निकासी पर कितना टैक्स लगता है। जब निवेशक SIP से बड़ी रकम निकालने की योजना बनाते हैं, तो उन्हें यह समझना ज़रूरी है कि इस निकासी पर कैपिटल गेन टैक्स कैसे लगेगा।
म्यूचुअल फंड से कमाए गए मुनाफे पर टैक्स दो बातों पर निर्भर करता है:
- आपने इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश किया है या डेट म्यूचुअल फंड में।
- आपकी होल्डिंग अवधि क्या रही है।
डेट म्यूचुअल फंड पर टैक्स
- शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG): यदि निवेश की अवधि 3 साल या उससे कम है, तो लाभ आपकी कुल आय में जोड़ा जाएगा और आपके टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा। उदाहरण के लिए, यदि आप 30% टैक्स स्लैब में हैं, और आपका लाभ 30 लाख रुपये है, तो टैक्स 9 लाख रुपये (30 लाख रुपये × 30%) होगा.
- लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG): यदि निवेश की अवधि 3 साल से ज़्यादा है, तो 1 अप्रैल, 2023 से डेट फंड पर भी शॉर्ट-टर्म की तरह टैक्स लगेगा, यानी लाभ आपकी कुल आय में जोड़ा जाएगा और आपके टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा.
टैक्स कैसे बचाएं
टैक्स कम करने के लिए, SWP (सिस्टमेटिक विड्रॉल प्लान) अपनाया जा सकता है। एक बार में पूरी निकासी करने की बजाय, हर साल धीरे-धीरे निकासी करें ताकि आप LTCG छूट (1 लाख रुपये तक टैक्स-फ्री) का फ़ायदा उठा सकें[1][3].
दूसरा, अलग-अलग समय पर निकासी करें। यदि आपका मुनाफ़ा बहुत ज़्यादा है, तो उसे एक ही वित्तीय वर्ष में सब कुछ निकालने की बजाय कई सालों में थोड़ा-थोड़ा करके निकालें ताकि आप कम टैक्स स्लैब में रहें.
FAQ
- SIP से 1 करोड़ रुपये निकालने पर टैक्स कैसे लगता है?
म्यूचुअल फंड की कमाई पर टैक्स दो बातों पर निर्भर करता है: फंड का प्रकार (इक्विटी या डेट) और होल्डिंग अवधि. - डेट म्यूचुअल फंड पर STCG और LTCG कैसे लागू होते हैं?
यदि निवेश 3 साल से कम है, तो STCG लागू होगा और लाभ आपकी आय में जोड़ा जाएगा। यदि 3 साल से ज़्यादा है, तो LTCG लगेगा और लाभ आपकी आय में जोड़ा जाएगा. - टैक्स बचाने के लिए क्या रणनीति अपनाई जा सकती है?
टैक्स बचाने के लिए SWP अपनाएं और हर साल थोड़ी-थोड़ी रकम निकालें ताकि आप LTCG छूट का फायदा उठा सकें.