मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली नई शराब नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं। इस नीति के तहत, राज्य में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगेगा और पहली बार ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ की शुरुआत की जाएगी। यह कदम राज्य की आबकारी नीति, राजस्व और सामाजिक परिवेश पर बड़ा असर डाल सकता है।
लो अल्कोहलिक बेवरेज बार का उद्घाटन
मध्य प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ खोलने का निर्णय लिया है। इन बारों में केवल बीयर, वाइन और ‘रेडी-टू-ड्रिंक’ (RTD) ड्रिंक्स उपलब्ध होंगी, जिनमें अल्कोहल की मात्रा 10 प्रतिशत वी/वी (वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) से कम होगी। इसका मतलब यह है कि यहां शराब के कड़े विकल्प जैसे व्हिस्की, रम, वोडका और ब्रांडी की बिक्री नहीं होगी।
सरकार का मानना है कि यह कदम शराब की खपत को नियंत्रित करने और लोगों को हल्के मादक पेय पदार्थों की ओर आकर्षित करने के लिए उठाया गया है। नई नीति लागू होने के बाद राज्य में बार की कुल संख्या 460 से बढ़कर 470 हो सकती है।
शराब बिक्री पर प्रतिबंध
नई नीति के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 से धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों समेत कुल 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा। इन स्थानों पर शराब की 47 दुकानें बंद होंगी। प्रमुख शहरों में उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर शामिल हैं।
आर्थिक प्रभाव
इस फैसले से मध्य प्रदेश सरकार को लगभग 450 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा। हालांकि, मुख्यमंत्री मोहन यादव का मानना है कि यह फैसला सामाजिक सुधार और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। सरकार ने इस कमी को अन्य क्षेत्रों से भरने की योजना बनाई है।
अन्य राज्यों के अनुभव
मध्य प्रदेश में इस फैसले को लेकर बिहार और गुजरात की शराब नीति का उदाहरण दिया जा रहा है। बिहार में ‘मद्य निषेध अधिनियम 2016’ के तहत शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध है, जबकि गुजरात में पहले से ही शराबबंदी लागू है।
क्या दूसरे शहरों से शराब लाना गैरकानूनी होगा?
नई नीति के तहत जिन इलाकों में शराब की बिक्री बंद होगी, वहां लोग दूसरे शहरों से शराब लाकर पी सकते हैं। इस पर कोई पाबंदी नहीं होगी क्योंकि मध्य प्रदेश में बिहार की तरह कड़े शराबबंदी कानून लागू नहीं हैं।
रिन्यूअल फीस में वृद्धि
नई आबकारी नीति के तहत शराब दुकानों की रिन्यूअल फीस में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा और घाटे की भरपाई करने में मदद मिलेगी।
संभावित प्रभाव
- हल्के मादक पेय पदार्थों का बढ़ावा: ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ से लोगों को हल्के मादक पेय पदार्थों की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।
- धार्मिक स्थलों पर शांति: धार्मिक महत्व वाले स्थानों पर शराबबंदी लागू होने से वातावरण में सुधार होगा।
- राजस्व में कमी: शराब बिक्री पर रोक के कारण सरकार को राजस्व में कमी आएगी।
- सामाजिक सुधार: धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- नई नीति के तहत शराब बिक्री कब बंद होगी?
- शराब बिक्री 1 अप्रैल 2025 से बंद होगी।
- लो अल्कोहलिक बेवरेज बार में क्या मिलेगा?
- इन बारों में केवल बीयर, वाइन और RTD ड्रिंक्स मिलेंगी जिनमें अल्कोहल की मात्रा 10% से कम होगी।
- क्या लोग दूसरे शहरों से शराब लाकर पी सकते हैं?
- हाँ, जिन इलाकों में शराब बिक्री बंद होगी, वहां लोग दूसरे शहरों से शराब लाकर पी सकते हैं।